Thursday, October 13, 2016

महिलायों को गर्भधारण कराने का उचित समय...

गर्भधारण के लिए सही समय पर सहवास करना है जरुरी।
ओवयूलेशन के पहले यौन क्रिया करने से बढ़ती हैं गर्भधारण की संभावनाएं।
गर्भधारण करने के लिए सहवास की स्थिति भी है महत्वपूर्ण।
सहवास के वक्त ओर्गास्म प्राप्त करने से भी मिलती है मदद।
कई बार कोई महिला गर्भवती नहीं होना चाहती है, फिर भी वो गर्भवती हो जाती है। ठीक इसके विपरीत कई मामलों में कोई महिला गर्भवती होकर मातृत्व सुख प्राप्त करना चाहती है लेकिन लाख चाहने के बावजूद वो गर्भवती नहीं हो पाती। लेकिन कई बीर कुछ सही जानकारियां आपकी मदद कर सकती हैं। इसी के मद्देनजर हम आपको बता रहे हैं गर्भधारण करने के कुछ कारगर उपाय।
अगर आप कई सालों तक परिवार नियोजन अपनाने के बाद अब गर्भधारण करना चाहती हैं  तो निम्नलिखित उपायों को अपनाकर आप सफलतापूर्वक गर्भधारण कर सकती हैं।
गर्भधारण करने के आसान से टिप्‍स:
सही समय पर यौन क्रिया :-
गर्भवती होने के लिए सिर्फ सहवास करना ही सब कुछ नहीं होता बल्कि सही समय पर सहवास करना जरुरी होता है। एक बात ध्यान देने योग्य है कि पुरुष के शुक्राणु हमेशा लगभग एक जैसे ही होते हैं जो महिला को गर्भवती कर सकते है, लेकिन महिला का शरीर ऐसा नहीं होता जो कभी भी गर्भधारण कर सके। उसके गर्भधारण का एक निश्चित समय होता है। आप उस अवधी को पहचाने और उस समय सहवास करें।
ओवयूलेशन के पहले यौन क्रिया :-
यूं तो आप महीने भर हर दिन अपने पति के साथ सहवास कर सकती हैं लेकिन गर्भवती होने के लिए ओवयूलेशन के पहले यौन क्रिया करना जरुरी होता है। आप ओवयूलेशन के पहले यौन क्रिया शुरू करें और आने वाले कुछ दिनों तक नियमित रूप से या एकाध दिन बाद सहवास जारी रखें। सहवास के बाद कुछ देर आप उसी अवस्था में लेटे रहे यानि खड़े न हो एवं अपनी योनी को साफ न करें, ताकि आपके पति के शुक्राणु सही जगह पहुंच सकें।
यौन क्रिया के वक्त तनाव में न रहे:-
यौन क्रिया के वक्त जरा भी तनाव में न रहे। गर्भवती होने के लिए यौन क्रिया के वक्त आपको उसका आनंद उठाना चाहिए ताकि आपकी योनी से उचित मात्रा में तरल पदार्थों का स्राव होता रहे जो शुक्राणु को गर्भधारण करने में सहयोग दे सके।
यौन क्रिया में पुरुष की भूमिका:-
ऐसा देखा गया है कि जो पुरुष अपनी पत्नी की कामोत्तेजना का ख्याल नहीं करते उनकी पत्नियों को गर्भधारण करने में मुश्किलें आती हैं। अगर स्त्री सहवास के वक्त ओर्गास्म प्राप्त कर लेती है तो गर्भधारण के चांसेस काफी हद तक बढ़ जाते हैं क्योंकि तब पुरुष के शुक्राणु को तैरने का यानि सही जगह जाने का समय और वैसा माहौल मिलता है तथा शुक्राणु ज्यादा समय तक  जीवित रहते हैं।
सहवास की स्थिति:-
गर्भधारण करने के लिए यौन क्रिया सेक्स की स्थिति भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यहाँ तक की कुछ लोगों का मानना है कि आपकी यौन क्रिया की स्थिति भी काफी हद तक यह निश्चित करती है कि आपको लड़का होगा या लड़की। कुछ यौन क्रिया स्थिति ऐसी होती हैं जिनमें यौन क्रिया करने से लड़का होने की संभावना ज्यादा रहती है जबकि अगर आपको बेटी चाहिए तो दूसरी स्थिति में सेक्स करना होगा।
संतुलित आहार लें:-
गर्भवती होने के लिए संतुलित आहार का लेना जरूरी है। फोलिक एसिड गर्भधारण में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए ऐसी चीजे खाए जिसमें फोलिक एसिड की अधिक मात्रा पाई जाती हों। फोलिक एसिड दालों में पाया जाता है। दाल प्रोटीन का भी बहुत अच्छा स्रोत होता है। हरी पत्तेदार शाक सब्जियों में भी फोलिक एसिड प्रचूर मात्रा में होता है। सूर्यमुखी के बीज, सेम के बीज, संतरे, टमाटर का जूस में भी फोलिक एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है। साथ हीं इसमें लाइकोपिन एवं विटामिन सी भी होता हैं जो आपको तंदरुस्त बनाते हैं और गर्भधारण में मदद करते हैं। इनके अलावा आप साबुत अनाज एवं फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जरूर खाएं। गर्भवती होने के लिए पर्याप्त मात्रा में कैल्सियम का सेवन भी जरुरी होता है।
इनका सेवन ना करें:
सिगरेट:-
अगर आप सिगरेट पीने की शौक़ीन हैं तो इसे पीना छोड़ दें। सिगरेट किसी भी व्यक्ति के लिए नुकसानदेह होता है, लेकिन अगर आप गर्भधारण करना चाहती हैं तो सिगरेट आपके लिए ज्‍यादा नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए आप सिगरेट ना पिये। अगर आप गर्भवती हो भी जाती हैं तो सिगरेट आपके पेट में पल रहे बच्चे के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर डालेगा और इससे आपका गर्भपात भी हो सकता है। अतः  इसका पूरी तरह से त्याग कर दें।
शराब एवं कुछेक दवाइयों को कहे ना
इसी तरह से शराब एवं कुछेक दवाइयां बिल्‍कुल ना ले, जो आपके गर्भधारण में बाधक बन सकती हैं।
कैफीन से बचे
कैफीन युक्त खाद्य पदार्थों या पेय का सेवन भी एकदम कम कर दे या बिल्कुल न करें, क्योंकि इससे आपके शरीर की आयरन एवं कैल्सियम ग्रहण करने की क्षमता काफी हद तक घट जाती है। जिससे आपके गर्भवती होने के चांसेस 27 प्रतिशत कम हो जाते हैं।
मीठी चीजों को कहे ना:-
मीठी चीजों से परहेज करें। कोशिश करें कि मीठी चीजें बिल्‍कुल ना खाएं या कम से कम खाएं। इस दौरान मीठी चीजें ज्यादा खाने ना सिर्फ आपको बल्कि आपके होने वाले बच्‍चे को भी नुकसान को सकता है
Source :- http://www.sehatnama.com

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