Saturday, June 21, 2014

आखिर अफगानीस्तान से हिंदू क्यों मिट गया?

काबुल जो भगवान राम के पुत्र कुश का बनाया शहर था, आज वहाँ एक भी मंदिर नही बचा ?
गांधार जिसका विवरण महाभारत मे है, जहां की रानी गांधारी थी, आज उसका नाम कंधार हो चूका है, और वहाँ आज एक भी हिंदू नही बचा ?
कम्बोडिया जहां राजा सूर्य देव बर्मन ने दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर अंकोरवाट बनाया, आज वहाँ भी हिंदू नही है ?
पाकिस्तान में 1947 में 20 % थे अब 1.5 % बचे है ,बांग्लादेश बनने पर हिन्दू 27 % थे अब 9 % बचे है ?
बाली द्वीप मे 20 साल पहले तक 90% हिंदू थे, आज सिर्फ 20% बचे है ?
कश्मीर घाटी मे सिर्फ 30 साल पहले 50% हिंदू थे, आज 5% भी हिंदू नही बचा ?
केरल मे 10 साल पहले तक 80% जनसंख्या हिन्दुओ की थी, आज सिर्फ 50% हिंदू है ?
नोर्थ ईस्ट जैसे सिक्किम, नागालैंड, आसाम आदि मे हिंदू हर रोज मारे या भगाए जाते है, या उनका धर्मपरिवर्तन हो रहा है ?
मित्रों, 1569 तक ईरान का नाम पारस या पर्शिया होता था और वहाँ सिर्फ पारसी रहते थे..
जब पारस पर आक्रमण होता था, तब पारसी बूढ़े-बुजुर्ग अपने नौजवान को यही सिखाते थे की हमे कोई मिटा नही सकता, लेकिन ईरान से सारे के सारे पारसी मिटा दिये गए. धीरे-धीरे उनका कत्लेआम और धर्म-परिवर्तन होता रहा. एक नाव मे बैठकर 21 पारसी किसी तरह गुजरात के नवसारी जिले के उद्वावाडा गांव मे पहुचे और आज पारसी सिर्फ भारत मे ही गिनती की संख्या मे बचे है?
ईसाईयों के 80 देश और मुस्लिमो के 56 देश है, और हिन्दुओं का.....?
भारत को एक धर्मशाला बना दिया गया है, हिन्दू खुद तो ख़तम हो रहा है और समस्त विश्व के कल्याण की बकवास करता फिरता है, जबकि समूचा विश्व उसको पूरी तरह निगल लेने की पूरी तैयारी कर चूका है !
आज तक हिन्दू जितनी अधिक उदारता और सज्जनता दिखलाता रहा है, उसको उतना ही कायर और मुर्ख मानकर उस पर अन्याय और हर तरह का धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक विश्वासघात किया जाता रहा है !
अपनी दुर्दशा के इतिहास से कोई सबक न लेकर आज भी सेकुलार्ता का नशा लेकर मुर्छित होकर जी रहा है, और अपने ही शुभचिंतक भाइयों को सांप्रदायिक कहकर उनसे नपुंसक बनने की सीख देता फिरता है !

No comments:

Post a Comment