Monday, May 12, 2014

शरद पवार और राजीव भाई मे बहस !

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दोस्तो हमारे भारत मे ऐसे कई नेता हैं जो गाय का मांस बेच कर अपना धंधा चला रहे हैं ! और भारत मे जो 3600 क्त्लखाने (registered) चल रहे हैं उनमे से 50 से 60 % इन्ही राजनेताओ के हैं ! जिनकी पूंजी से ये काम चल रहा है !
और जब भी संसद मे गौ ह्त्या को रोकने का विषय आता तो ये चिला -चिला कर खड़े हो जाते है कहते हैं गौ ह्त्या रुकनी नहीं चाहिए ! और उसके विचित्र विचित्र कुतर्क करते हैं ! उनमे से एक नेता शरद पवार जो कृषि मंत्री है उसने एक दिन कुतर्क किया कि गाय की ह्त्या अगर हमने रोक दी तो गाय की संख्या इतनी बढ़ जाएगी उसे हमे रखेंगे कहाँ ????????
ये बयान शरद पवार ने दिया !और मुंबई मे दिया ! और प्रेस कान्फ्रेंस मे दिया ! सौभाग्य की बात थी श्री राजीव दीक्षित जी उस दिन मुंबई मे थे और उस press कान्फ्रेंस मे थे ! अगले दिन राजीव भाई वो बयान की copy लेकर चले गए शरद पवार से मिलने !!
राजीव भाई ने पवार से कहा कि आपने बयान दिया है कि अगर गाय को हमने बचा लिया तो इनकी संख्या इतनी बढ़ जाएगी इन्हे रखेंगे कहाँ ?
श्री राजीव भाई ने कहा आप क्यूँ परेशान है ? आपके घर मे रखने नहीं आ रहे हम ! इतना तो पक्का है
और अगर आपकी बुद्धि इतना की काम करती है कि गाय को बचाने से उसकी संख्या बढ़ जाएगी तो ये तर्क मनुष्य पर भी लागू होना चाहिए ! सीधे सीधे से लागू होता है कि मनुष्यो को क्यूँ बचाया जाये ??? इनकी संख्या बढ़ जाएगी ! तो इसका मतलब मनुष्य की संख्या कम करने के लिए कत्ल करवाईये इनका !!
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फिर पवार ने कहा चारा कहाँ से लाएँगे ????
तो राजीव भाई ने कहा भगवान ने इस देश मे व्यवस्था ऐसी की है आप क्यूँ परेशान हैं उसके लिए ???
भगवान की वयवस्था मे आप क्यूँ दखलअंदाजी कर रहे हैं ???
भगवान मे इस देश मे जितनी भी फसल दी है जितनी भी फसलों के बीज दिये हैं ! 1400 किसम की फसले भारत मे होती हैं (गेहूं ,चावल ,जवारी ,उरद ,मूंग आदि आदि ! हरेक फसल के तीन हिस्से है !हरेक पोधे के तीन हिस्से है ऊपर का एक हिस्सा है वो मनुष्यो के लिए है पक्षियो के लिए है !
बीच का एक हिस्सा है वो पशुओ के लिए हैं ! और अंत का जो जड़ वाला हिस्सा है वो धरती माता के लिए है !
प्रकर्ति की बनाई हुई व्यवस्था है इसमे आप क्यूँ परेशान है ????
हिंदुस्तान मे 77 कोटी किसान खेती करते हैं और इनमे से लगभग 60 कोटी किसान ज्वारी पैदा करते हैं ! ज्वारी का बहुत थोड़ा सा हिस्सा मनुष्य के काम आता है ! ज्वारी का पूरा पेड़ आप गिने तो मुश्किल से उसका 10 % हिस्सा मनुष्य के काम आता है ! और बाकी नीचे का 80 से 90 % हिस्सा वो गाय के काम है बैल के काम का है ! भैंस के काम है पशु के काम का है !
तो चारे की कमी कहाँ से आई ????????????
गेहूं की फसल को देख लो ! गेहूं की फसल का 10 % हिस्सा मनुष्य के काम का है बाकी 70 से 85 % गाय के काम है अन्य पशुओ के काम है !
तो चारे की समस्या कहाँ से आई ??????????
गेहूं पैदा हो रहा है ज्वारी पैदा हो रही है ! चावल की फसल का बहुत छोटा सा हिस्सा मनुष्य के काम का है बाकी पशुओ के काम का है
तो चारे की कहाँ कमी है इस देश मे ???
आप क्यू परेशान हैं ????
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फिर पवार का तीसरा कुतर्क !
गाय बूढ़ी हो जाती है तो क्यूँ पालणा ?????
तो राजीव भाई ने कहा हमारी माता भी बूढ़ी हो जाती है उसको क्यूँ पालणा ?????
पवार ने कहा ! माता अलग है गाय अलग है !
राजीव भाई ने कहा मेरे लिए माता और गाय दोनों एक जैसी है ! क्यूंकि बचपन से हमने यही सुना है गाय हमारी माता है ! देश धर्म का नाता है !! तो मेरे लिए माता और गाय दोनों एक सी है !
तो गाय बूढ़ी हो गई इसलिए कत्ल होनी चाहिए तो माता भी बूढ़ी हो गई इस लिए कत्ल होनी चाहिए !
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फिर पवार का आखिरी कुतर्क !!
कि दूध नही देती है तो फोकट मे क्यूँ खिलाने का उसको ???????
तो राजीव भाई ने कहा दूध तो थोड़े दिन के बाद हमारी माता भी नहीं देती है ! हमारी माता तो हमे ज्यादा से ज्यादा 1 साल दूध पिलाती है और ये गौ माता तो जीवन पर्यंत हमको दूध पिलाती है ! इसका स्थान माता से भी ऊंचा है !
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फिर पवार का पूरा दिमाग घूम गया और बोला आपसे बात करना बेकार है !
तो राजीव भाई ने कहा मुझे भी आपसे बात करना बेकार है !
जिस आदमी को इतना नहीं समझता कि गाय को भारत मे घास चारे की कमी नहीं है और बूढ़ी होने पर काट देनी चाहिए ये तो बहुत खतरनाक मानसिकता है ! इससे अच्छे तो अंग्रेज़ थे जो खुलकर कहते थे कि हम तो गाय को काटते है अपने भोजन के लिए !!
लेकिन ये काले अंग्रेज़ तो उनसे भी ज्यादा खतरनाक है जो भारतीयता का लबादा ओढ़े हुये हैं और दिमाग मे पूरी अंग्रेज़ियत भारी हुई है !!
और अंत राजीव भाई के कहते है कि ये जो कुतर्क है ये शरद पवार का नाम मैंने इसलिए ले लिया क्यूकि वह के प्रतीक व्यक्ति है वरना ये कुतर्क हिंदुस्तान के बहुत सारे पढे लिखे व्यक्तियों के कुतर्क बन चुके हैं !खासकर ऐसे पढे लिखे लोग जिनको कुछ अंग्रेज़ियत की शिक्षा मिली है जो कान्वेंट आदि मे पढे है इंजीनियर डाक्टर आदि बन चुके है उनके भी ये कुतर्क बन चुके हैं ! शरद पवार तो प्रतीक मात्र है वहाँ कोई और भी हो सकता है जो इसी तरह की बात करे !
जय गौमता ! वन्देमातरम !
अमर शहीद Rajiv Dixit जी की जय !!

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